2022 नवरात्री आरती लिरिक्स Navratri Aarti Lyrics In Hindi

Navratri Aarti Lyrics In Hindi, Navratri Aarti Is A Latest Durga Bhajan. And Mata Durga Always Keeps His Blessings On His Devotees.

Navratri Aarti

Navratri Aarti – Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ।।

मांग सिंदूर विराजत,
टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना,
चंद्रवदन नीको ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर,
रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला,
कंठन पर साजै ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत,
खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत,
तिनके दुखहारी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित,
नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर,
सम राजत ज्योती ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

शुंभ-निशुंभ बिदारे,
महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना,
निशदिन मदमाती ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे,
शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे,
सुर भयहीन करे ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रह्माणी, रूद्राणी,
तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी,
तुम शिव पटरानी

ॐ जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी मंगल गावत,
नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा,
अरू बाजत डमरू ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता,
तुम ही हो भरता ।
भक्तन की दुख हरता,
सुख संपति करता ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित,
खडग खप्पर धारी ।
मनवांछित फल पावत,
सेवत नर नारी ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

कंचन थाल विराजत,
अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत,
कोटि रतन ज्योती ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अंबेजी की आरति,
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
सुख-संपति पावे ।।

ॐ जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी,
मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत,
हरि ब्रह्मा शिवरी ।।

Jai Ambe Gauri Lyrics

Navratri Aarti – Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics

अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेर ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

माता तेरे भक्त जानो पर भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी

सो सो सिंघो से बलशाली
अष्ट भुजाओं वाली
दुखिओं के दुखड़े निवारती
औ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेर ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

माँ बेटे की है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता
सबपे करुणा दर्शाने वाली


अमृत बरसाने वाली
दुखिओं के दुखड़े निवारती

माता तेरे भक्त जानो पर भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी

सो सो सिंघो से बलशाली
अष्ट भुजाओं वाली
दुखिओं के दुखड़े निवारती
औ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेर ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना
हम तो मांगे माँ तेरे मन में एक छोटा सा कोना
सब की बिगड़ी बनाने वाली


लाज बचाने वाली
सतिओं के सत को सवारती

माता तेरे भक्त जानो पर भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो माँ कर के सिंह सवारी

सो सो सिंघो से बलशाली
अष्ट भुजाओं वाली
दुखिओं के दुखड़े निवारती
औ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेर ही गुण गायें भारती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Shailputri Mata Aarti Lyrics

जय शैलपुत्री माता
मैया जय शैलपुत्री माता ।
रूप अलौकिक पावन
शुभ फल की दाता ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

हाथ त्रिशूल कमल तल
मैया के साजे ।
शीश मुकुट शोभामयी
मैया के साजे ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

दक्षराज की कन्या
शिव अर्धांगिनी तुम ।
तुम ही हो सती माता
पाप विनाशिनी तुम ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

वृषभ सवारी माँ की
सुन्दर अति पावन ।
सौभाग्यशाली बनता
जो करले दर्शन ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

आदि अनादि अनामय
तुम माँ अविनाशी ।
अटल अनत अगोचर
अतुल आनंद राशि ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

नौ दुर्गाओं में मैया
प्रथम तेरा स्थान ।
रिद्धि सिद्धि पा जाता
जो धरता तेरा ध्यान ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

प्रथम नवरात्रे जो माँ
व्रत तेरा धरे ।
करदे कृपा उस जन पे
तू मैया तारे ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

मूलाधार निवासिनी
हमपे कृपा करना ।
लाल तुम्हारे ही हम
द्रष्टि दया रखना ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

करुणामयी जगजननी
दया नज़र कीजे ।
शिवसती शैलपुत्री माँ
चरण शरण लिजे ।।

जय शैलपुत्री माता ।।

Shailputri Mata Ki Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Brahmacharini Mata Aarti Lyrics

जय ब्रम्चारिणी माँ
मैया जय ब्रम्चारिणी माँ ।
अपने भक्त जानो पर
करती सदा दया ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

दर्शन अनुपम मधुरं
साधना रत रहती ।
शिव जी की आरधना
मैया सदा करती ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

बाहिने हाथ कमंडल
दाहिने में माला ।
रूप जो त्रिमय अद्भुत
सुख देने वाला ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

देवऋषि मुनि साधु
गुण माँ के गाते ।
शक्ति स्वरूपा मैया
सबकुछ तुझको ध्याते ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

संजम तब वैराग्य
प्राणी वो पाता ।
ब्रम्चारिणी माँ को
निशिदिन जो ध्याता ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

नवदुर्गाओं में मैया
दूजा तुम्हारा स्वरूप ।
स्वेत वस्त्र धारिणी माँ
ज्योतिर्मय तेरा रूप ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

दूजे नवरात्रे मैया
जो तेरा व्रत धरे ।
करके दया जगजननी
तू उसको तारे ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

शिव प्रिय शिवा ब्राह्मणी
हमपे दया करियो ।
बालक है तेरे ही
दया दृष्टि रखियो ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

शरण तिहारी आये
ब्रम्हाणी माता ।
करुणा हमपे दिखाओ
शुभ फल की दाता ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

माँ ब्रम्चारिणी की आरती
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावे ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ ।।

जय ब्रम्चारिणी माँ
मैया जय ब्रम्चारिणी माँ ।
अपने भक्त जानो पर
करती सदा दया ।।

Brahmacharini Mata Ki Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Chandraghnata Mata Aarti Lyrics

जय चंद्रघंटा माता ।
जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

नवरात्री के तीसरे दिन ,
चंद्रघंटा माँ का ध्यान ।
मस्तक पर है अर्ध चंद्र ,
मंद मंद मुस्कान ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अस्त्र शस्त्र है हाथो में ,
और खडग संग बाण ।
घंटे की शक्ति से ,
हरती दुष्टो के प्राण।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

सिंह वाहिनी दुर्गा ,
चमके स्वर्ण शरीर ।
करती विपदा शांति ,
हरे भक्त की पीर ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

मधुर वाणी को बोलकर ,
सबको देती ज्ञान ।
जितने देवी देवता ,
सभी करे सम्मान ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने शांत स्वभाव से ,
सबका रखती ध्यान।
भव सागर में फसा हूँ ,
करो माता कल्याण ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

अपने सेवक जन की ,
अपने सेवक जन की ।
शुभ फल की दाता ,
जय चंद्रघंटा माता ।।

जय चंद्रघंटा माता ।।

Chandraghnata Mata Ki Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Kushmanda Mata Aarti Lyrics

माँ आरती तेरी गाते ,
मैया आरती तेरी गाते ।
कुष्मांडा महामाया ,
हम तुमको ध्याते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

हे जगदम्बे दयामयी ,
आदि स्वरूपा माँ ।
देव ऋषि मुनि ज्ञानी,
गुण तेरे गाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

कर ब्रहानन्द की रचना ,
कुष्मांडा कहलायी ।
वेद पुराण भवानी,
सब यही बतलाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

सूर्य लोक निवाशिनी ,
तुमको कोठी प्रणाम ।
सम्मुख तेरे पाप और ,
दोष ना टिक पाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

अष्ट भुजे महाशक्ति ,
सिंह वाहिनी है तू ।
भाव सिंधु से तारते ,
दर्शन जो पाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

अष्ट सिद्दियों नो निधियो ,
हाथ तेरे माता ।
पा जाते है सहज ही ,
जो तुमको ध्याते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

सस्त्र विधि से विधिवत ,
जो पूजन करते ।
आदि शक्ति जगजननी ,
तेरी दया पाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

नवदुर्गो में मैया ,
चौथा स्थान तेरा ।
चौथे नवरात्रे को ,
भक्त तुझे ध्याते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

आधी व्याधि सब हरके ,
सुख समृद्धि दो ।
हे जगदम्बे भवानी ,
इतनी दया चाहते ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

कुष्मांडा जी की आरती ,
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी ,
मनवांछित फल पावे ।।

माँ आरती तेरी गाते ।।

माँ आरती तेरी गाते ,
मैया आरती तेरी गाते ।
कुष्मांडा महामाया ,
हम तुमको ध्याते ।।

Kushmanda Mata Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Skand Mata Aarti Lyrics

जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

कार्तिकेय की हो माता ,
शंभू की शक्ति ।
भक्तजनों को मैया,
देना निज भक्ति ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

चार भुजा अति सोहे ,
गोदी में स्कन्द ।
द्या करो जगजननी,
बालक हम मतिमन्द ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

शुभ्र वर्ण अति पावन ,
सबका मन मोहे ।
होता प्रिय माँ तुमको,
जो पूजे तोहे ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी ,
राधा रुद्राणी ।
लक्ष्मी शारदे काली,
कमला कल्याणी ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

काम क्रोध मद ,
मैया जगजननी हरना ।
विषय विकारी तन मन,
को पावन करना ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

नवदुर्गो में पंचम ,
मैया स्वरूप तेरा ।
पाँचवे नवरात्रे को,
होता पूजन तेरा ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

तू शिव धाम निवासिनी,
महाविलासिनी तू ।
तू शमशान विहारिणी,
ताण्डव लासिनी तू ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

हम अति दीन दुखी माँ,
कष्टों ने घेरे ।
अपना जान द्या कर,
बालक हैं तेरे ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

स्कन्द माता जी की आरती,
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
मनवांछित फल पावे ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।

ॐ जय स्कन्द माता ।।

Skand Mata Aarti Lyrics 1 1

Navratri Aarti – Katyayni Mata Ki Aarti Lyrics

जय कात्यायिनी माता,
जय कात्यायिनी माता ।
सुख सृष्टि में पाये,
जो तुमको ध्याता ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

आदि अनादि अनामय ,
अविचल अविनाशी ।
अटल अनत अगोचर,
अध् आनंद राशि ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

लाल ध्वजा नभ चमक ,
मंदिर पे तेरे ।
जग मग ज्योति माँ जगती ,
भक्त रहे घेरे ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

हे सतचित सुखदायी ,
शुद्ध ब्रह्म रूपा ।
सत्य सनातन सुन्दर ,
शक्ति यश रूपा ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

नवरात्री का छठा है ,
ये कात्यायिनी रूप ।
कलयुग में शक्ति बनी ,
दुर्गा मोक्ष स्वरूप ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

कात्यायन ऋषि पे किया ,
माँ ऐसा उपकार ।
पुत्री बनके आ गयी ,
शक्ति अनोखी धर ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

देव की रक्षा माँ करे ,
लिया तभी अवतार ।
ब्रज मंडल में हो रही ,
आपकी जय जयकार ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

श्री कृष्णा ने भी किया ,
अम्बे आपका जाप ।
दया दृष्टि हम पर करो ,
बारम्बार प्रणाम ।।

जय कात्यायिनी माता ।।

Katyayni Mata Ki Aarti Lyrics 1 1

कात्यायिनी माता मंत्र


ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।


Navratri Aarti – Kalratri Mata Aarti Lyrics

कालरात्रि माता ,
जय कालरात्रि माता ।
धन वैभव संपत्ति ,
की तुम ही दाता ।।

जय कालरात्रि माता ।।

रूप भयंकर तेरा ,
शक्ति महामाई ।
छवि लखते ही तुम्हारी ,
काल भी डर जाई ।।

जय कालरात्रि माता ।।

भूत प्रेत और दानव ,
निकट नहीं आते ।
खडग कटार के आगे ,
शत्रु नहीं टिक पाते ।।

जय कालरात्रि माता ।।

गर्धव वाहिनी मैया ,
कृपा जरा कीजो ।
निर्बल को माँ शक्ति ,
अपनी शरण दीजो ।।

जय कालरात्रि माता ।।

नो दुर्गाओं में भवानी ,
सातवा तेरा स्थान ।
महामाया महाकाली ,
शक्ति तेरी महान ।।

जय कालरात्रि माता ।।

सातवे नवरात्रे को ,
पूजी तुम जाती ।
मनवांछित फल देती ,
शक्ति तेरी महान ।।

जय कालरात्रि माता ।।

हे प्रचंड ज्वालमयी ,
हमपे दया करना ।
जानके सेवक अपना ,
दुःख विपदा हरना ।।

जय कालरात्रि माता ।।

चिंता हारना दाती ,
काल करे न वार ।
विनती इतनी सी माँ ,
कर लेना स्वीकार ।।

जय कालरात्रि माता ।।

लेकर आस शरण में ,
तेरी हम आये ।
सुना है खली दर से ,
ना तेरे कोई जाये ।।

जय कालरात्रि माता ।।

कालरात्रि माता ,
जय कालरात्रि माता ।
धन वैभव संपत्ति ,
की तुम ही दाता ।।

जय कालरात्रि माता ।।

Kalratri Mata Ki Aarti Lyrics

Navratri Aarti – Mahagauri Mata Aarti Lyrics

महागौरी दया कीजे
जगजननी दया कीजे ।
उमा रमा ब्रम्हाणी
अपनी शरण लीजे ।।

महागौरी दया कीजे ।।

गौर वर्ण अति सोहे
वृषभ की असवारी ।
स्वेत वस्त्रो में मैया
लागे छवि प्यारी ।।

महागौरी दया कीजे ।।

सृष्टि रूप तुम्ही हो
शिव अंगी माता ।
भक्त तुम्हारे अनगिन
नित प्रतिगुण गाता ।।

महागौरी दया कीजे ।।

दक्ष के घर जन्मी तुम
ले अवतार सती ।
प्रगटी हिमाचल के घर
बने शिवा पार्वती ।।

महागौरी दया कीजे ।।

नवदुर्गो में मैया
आठवाँ तेरा स्वरूप ।
शिव भी मोहित हो गये
देख के तेरा रूप ।।

महागौरी दया कीजे ।।

आठवें नवरात्रे को
जो व्रत तेरा करे ।
पाता प्यार तुम्हारा
भव सिंधु वो तारे ।।

महागौरी दया कीजे ।।

वैद पुराण में महिमा
तेरी माँ अपरम्पार ।
हम अज्ञानी कैसे
पाए तुम्हारा पार ।।

महागौरी दया कीजे ।।

महागौरी महामाया
आरती तेरी गाते ।
करुणामयी दया कीजे
निशदिन तुझे ध्याते ।।

महागौरी दया कीजे ।।

शिव शक्ति महागौरी
चरण शरण कीजे ।
बालक जानके अपना
हमपे दया कीजे ।।

महागौरी दया कीजे ।।

महागौरी महामाया
आरती तेरी गाते ।
करुणामयी दया कीजे
निशदिन तुझे ध्याते ।।

महागौरी दया कीजे ।।

शिव शक्ति महागौरी
चरण शरण लीजे ।
बालक जानके अपना
हमपे दया कीजे ।।

महागौरी दया कीजे
जगजननी दया कीजे ।
उमा रमा ब्रम्हाणी
अपनी शरण लीजे ।।

महागौरी दया कीजे ।।

Mahagauri Mata Aarti Lyrics
Navratri Aarti

Navratri Aarti – Aarti Siddhidatri Mata Lyrics

जय सिद्धिदात्री,
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी,
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

अनिमा गरिमा लघिमा,
सिद्धि तिहारी हाथ ।
तू अविचल महामाई,
त्रिलोकी की नाथ ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

शुम्भ निशुम्भ विडारे ,
जग है प्रसिद्ध गाथा ।
शास्त्र भुजा यानि धरक ,
चक्र लियो हाथा ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

तेरी दया बिन रिद्धि ,
सिद्धि न हो पाती ।
सुख समृद्धि देती ,
तेरी दया पाती ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

दुःख दरिद्र विनाशिनी ,
दोष सभी हरना ।
दुर्गुणों को संघारके ,
पावन माँ करना ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

नवदुर्गो में मैया ,
नवम तेरा स्थान ।
नौवे नवरात्रे को ,
करे सब ध्यान ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

तुम ही जग की माता ,
तुम ही हो भरता ।
भक्तो की दुःख हरता ,
सुख संपत्ति करता ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

अगर कपूर की ज्योति ,
आरती तुम गाये ।
छोड़ के तेरा द्वार ,
और कहा जाये ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

सिद्धिदात्री माता ,
सब दुर्गुण हरना ।
अपना जान के मैया ,
हमपे कृपा करना ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

जय सिद्धिदात्री ,
ओम जय सिद्धिदात्री ।
सर्व सुखो की जननी ,
रिद्धि सिद्धिदात्री ।।

ओम जय सिद्धिदात्री ।।

Siddhidatri Mata Ki Aarti Lyrics 1 1
Navratri Aarti

Navratri Bhajan


We Hope This Article From “Navratri Aarti Lyrics In Hindi/English” +Video Must Have Been Well-liked. What Do You Think About The Song Of “Navratri Aarti Bhajan”, You Must Tell Us By Commenting.

Visit AllHindiLyric.com For All Types Of Songs And Bhajans Lyrics + Videos.

Leave a Comment