Lakshmi Ka Vaas Ho Jis Ghar Mein Lyrics
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में
उस घर में रोज दिवाली है ॥
तुमसे ही इज्जत मान मिले
हर आशाओं का फुल खिले ।
झोली फैलाए जग सारा
माता के सभी सवाली है ॥
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में
उस घर में रोज दिवाली है ॥
खुशियाँ तुझसे तुम बिन गम है
किरपा बिन ये आँखे नम है ।
है चाँद सा मुखड़ा माँ तेरा
जिसपे सूरज की लाली है ॥
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में
उस घर में रोज दिवाली है ॥
तेरे चरण जहाँ जाते माता
खुशियों से दामन भर जाता ।
जिस जगह पे वास ना तेरा हो
सब लगता खाली खाली है ॥
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में
उस घर में रोज दिवाली है ॥
महिमा तेरी माँ न्यारी है
शिवपुरी चरणों का पुजारी है ।
जाते है दिन संवर उनके
जिनपे नज़रे माँ डाली है ॥
लक्ष्मी का वास हो जिस घर में
उस घर में रोज दिवाली है ॥