Skand Mata Aarti Lyrics
जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
कार्तिकेय की हो माता ,
शंभू की शक्ति ।
भक्तजनों को मैया,
देना निज भक्ति ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
चार भुजा अति सोहे ,
गोदी में स्कन्द ।
द्या करो जगजननी,
बालक हम मतिमन्द ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
शुभ्र वर्ण अति पावन ,
सबका मन मोहे ।
होता प्रिय माँ तुमको,
जो पूजे तोहे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी ,
राधा रुद्राणी ।
लक्ष्मी शारदे काली,
कमला कल्याणी ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
काम क्रोध मद ,
मैया जगजननी हरना ।
विषय विकारी तन मन,
को पावन करना ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
नवदुर्गो में पंचम ,
मैया स्वरूप तेरा ।
पाँचवे नवरात्रे को,
होता पूजन तेरा ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
तू शिव धाम निवासिनी,
महाविलासिनी तू ।
तू शमशान विहारिणी,
ताण्डव लासिनी तू ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
हम अति दीन दुखी माँ,
कष्टों ने घेरे ।
अपना जान द्या कर,
बालक हैं तेरे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
स्कन्द माता जी की आरती,
जो कोई गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी,
मनवांछित फल पावे ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।
जय स्कन्द माता ,
ॐ जय स्कन्द माता ।
शक्ति भक्ति प्रदायिनी,
सब सुख की दाता ।।
ॐ जय स्कन्द माता ।।